Shikha Arora

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लेखनी कहानी -09-Jan-2022 राधा कन्हैया


यमुना तीरे कन्हैया खड़ा हैं, 
राधा रानी की राह पर अड़ा है |
राधे प्यारी आ जाओ न, 
गीत मिलन के गाओ न |
कन्हाई है बेचैन बड़ा , 
ना उसको कहीं चैन बड़ा |
बंसी की धुन में मजा ना आए , 
गोपाल को तू काहे को तरसाए |
नैनों का तेरे जादू ऐसा छाया , 
न उनके मन को कोई और भाया |
राधे तेरा प्रेम ही मन में समाया , 
खुशबू से सारा जग महकाया |
देखे तुम्हें तो गोपाल दिखेगा , 
कन्हैया में भी तेरा अंश मिलेगा |
गोपियों का प्रेम है निराला , 
रूप तेरा अद्भुत अक्षमाला |
फूल तुम्हारी राहों में बिछाए , 
दिल में मेरे यह आस जगाए |
प्रेम तुम्हारा जग में अमर हैं, 
न कोई उसमें देखें उमर है |
राधे को पुकारू तो दौड़े कन्हैया , 
कान्हा को बुलाया तो आई राधा मैय्या ||

शिखा अरोरा (दिल्ली) 

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

10-Jan-2022 02:05 AM

Nice penning

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Abhinav ji

09-Jan-2022 11:27 PM

बहुत खूब

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Sandeep Kumar Mehrotra

09-Jan-2022 10:00 PM

बहुत खूब

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